Art Exhibitions, Art Workshops

देहरी में जुड़े हुए कम से कम मुझे दो साल होने को हैं। जब से जुड़ी हूँ एक अलग ही सुकून सा है, खुल कर जीने लगी हूँ जैसे अब। देहरी में वैसे तो बहुत सारे इवेंट्स होते हैं जैसे संवाद-उत्सव, बतरस, Art Exhibitions, Art Workshops, निर्मल-उत्सव वगैरह - इन सभी मे से किसी एक इवेंट को अपना फेवरेट बताना मेरे लिए तो बहुत मुश्किल है क्योंकि सारे इवेंट्स से मुझे अलग अनुभव मिले और उनसे एक अलग ही अटैचमेंट है। * सबसे पहले संवाद-उत्सव की बात करते हैं। मैं जब संवाद-उत्सव में आयी थी तब पहली बार मैंने लोगों को अपनी फीलिंग्स ऐसे ओपनली शेयर करते हुए देखा। जहां लोग एकदूसरे को बिना जज किए हुए सुने जा रहे, उनके रोने पर साथ रो रहे थे, बिना किसी रोक टोक के.... मेरे लिए यह सब एकदम सरप्राइज़िंग था, मैं कभी भी किसी अजनबी के सामने इतने खुले मन से नहीं बैठी थी, न ही कभी किसी ग्रुप का हिस्सा थी तो लोगों से मिलने-जुलने में अनकम्फ़र्टेबल फ़ील करती थी। संवाद-उत्सव में जुड़ने के बाद मेरा डर ऐसे गायब हुआ जैसे लगता है कि पुरानी अदिति को मैं खुद नहीं पहचान पाती, सोचती हूँ क्या मैं वही अदिति हूँ जिसे लोगों से मिलने से डर लगता था, ढेर सारे लोगों का समूह देख कर पैनिक हो जाया करती थी और उनसे बात करने से बचाती थी खुद को.... संवाद-उत्सव मेरे जीवन का बेस्ट पार्ट है। * दूसरा इवेंट : हैंड बिल्डिंग पाॅटरी वर्कशॉप इसमें तो मुझे जैसे मेरा बचपन ही याद आ गया हो। मैंने इस वर्कशॉप को बहुत ज्यादा इंजाॅय किया है। छोटे-छोटे क्यूट क्यूट से पॉट्स बनाना‌, इसका अलग ही एक्सपीरियंस है। इस वर्कशॉप में जब हम कुछ बना रहे होते हैं तो शायद हम आसपास की सारी चीजों को भूल जाते हैं, एक छोटे बच्चे की तरह हो जाते हैं और अपना कुछ नया अविष्कार करने में लगे रहते हैं, न कोई रोकने वाला होता है, न कोई डाँटने वाला... सभी इंजॉय कर रहे होते हैं। मुझे इसका हिस्सा बनना बहुत पसन्द है, फिलहाल मैं दुबारा इस इवेंट के होने का इंतजार कर रहीं हूँ। * Art Exhibitions | कला प्रदर्शनी Exhibitions का तो अपना अलग ही मज़ा है जैसे एकदम festival vibes आती हैं इसकी तैयारी को लेकर। जैसे घरों में होता है न कि कोई फंक्शन या फ़ेस्टिवल आ रहा होता है तो सब मिलजुल कर काम कर रहे होते हैं, कोई कहीं दौड़ रहा होता है किसी काम के लिए, तो कोई कहीं ... मुझे सबसे ज्यादा खुशी तो इन तैयारियों को देख कर होती है। देहरी टीम जिस तरीके से जी जान लगाती है इवेंट को ऑर्गनाइज़ करने के लिए, I feel so glad. कहने को तो बहुत सारी चीज़ें हैं। हर इवेंट की चाहे बतरस हो या निर्मल उत्सव, exhibitions या फिर workshop - मैं सारी चीजों को इंजॉय करती हूं, उनसे नयी-नयी बातें सीखती हूँ, सबसे अच्छी बात नए दोस्त भी बनाना सीख गयी हूँ, लोगों के साथ मज़ा आने लगा है, लोगों को जानना-सुनना और उन्हें समझना सीखने लगी हूँ। मुझे लोग अच्छे लगने लगे हैं, मैं लोगों से प्यार करना सीख गयी हूँ। At the end, मैं खुश हूँ।

अदिति यादव, मऊ ( उत्तर प्रदेश ) @aditiyadav5276

5/4/20251 min read

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